’’ट्राईब’’ आलेख के लिए नियम एवं शर्तें
’’ट्राईब’’ आलेख के लिए नियम एवं शर्तें
ट्राईब पत्रिका के अगले अंक का प्रकाशन शीघ्र किया जा रहा है। इस हेतु जनजाति समुदाय से सम्बन्धित शिक्षा, साहित्य, लोक संस्कृति, स्वास्थ्य, व्यापार, कानून, मनोविज्ञान, भूगोल, मानव शास्त्र, दर्शन, राजनीति, इतिहास, पर्यावरण, नागरिक शास्त्र, साहित्य दृष्य एवं प्रदर्शन कला तथा अन्य जनजातीय विषयो पर आधारित विशेष निबन्ध, टीका, टिप्पणियाॅ, व्याख्या, लेख एवं आलेख तैयार कर संस्थान में प्रेषित किया जा सकता है।
1. शोध पत्र/आलेख में शीर्षक, सारांश, की शब्दावली और संदर्भ सहित 2000 से 2500 शब्द शामिल होने चाहिये। शोध पत्र में 100-150 शब्द सार-सारांश के होना चाहिये और 6 की वर्ड तक हो सकते हैं। सभी लेख मूल/मौलिक होने चाहिये। अन्यत्र प्रकाशित नहीं होना चाहिये।
2. पुस्तक समीक्षा 1000 शब्दों तक लम्बी हो सकती है, क्रिटिसीजम के साथ यह पुस्तक जनजातीय जनजीवन के क्षेत्र में क्या स्थान रखती है और लेखक की पृष्ठभूमि पर बिन्दुवार जानकारी सम्मिलित की जा सकती है।
3. शोध पत्र लेखन में योगदान करने वाले लेखकों द्वारा सहमति दिये जाने के बाद ही आलेख/शोध पत्र प्रकाशन हेतु प्रस्तुत किया जा सकेगा।
4. कॉपीराइट उल्लघंन, साहित्यिक चोरी या अन्य उल्लंघन पर बहुत गम्भीरता से विचार किया जाएगा। साहित्यिक चोरी या प्रकाशित लेखो के दुरूपयोग की जांच विशेषज्ञो द्वारा की जायेगी। प्रस्तुत लेखों / आलेखों की जांच “डुप्लीकेशन साफ्टवेयर से भी की जाएगी।
5. आलेख लेखक को यह सुनिश्चित करना होगा की उनके द्वारा दिया गया आलेख/लेख मूल और अप्रकाशित है और उसे कही ओर प्रकाशन हेतू प्रेषित नहीं किया गया हैं। आलेख के साथ इस आशय का शपथ पत्र संलग्न करना होगा।
6. आलेख के ’’ट्राईब’’ में प्रकाशन का निर्णय अतिथी सम्पादक/ सम्पादक मण्डल द्वारा किया जाएगा। जिनका निर्णय अंतिम एवं मान्य होगा। प्रकाशन हेतु आलेख का प्रेषण ’’ट्राईब’’ में प्रकाशित होने की गारन्टी नहीं है।
7. लेखकों को अंग्रेजी आलेख के लिए Times New Roman Font तथा हिन्दी के लिये Kruti Dev010 फोन्ट का उपयोग करना होगा फोन्ट साईज 12 तथा स्पेसिंग 1.5 देनी होगी।
8. आलेख में शामिल किये गये टेबल, फोटोग्राफ, ग्राफ आदि का हवाला देते हुऐ उन्हें उचित संख्या के साथ प्रस्तुत किया जाना चाहिये। फोटोग्राफ, रेखांकन, रेखाचित्रों को सुव्यवस्थित, क्रमानुसार प्रस्तुत किये जावें। सारणी को टेबल -01,-02 आदि के रूप में क्रमाकिंत किया जाना चाहियेः-
यथा Fig.01: The Distribution map of gond Tribes in Central India.
Table-01: Educational Status among the Tribes of Village Kulgi.
चित्र 01: गोंड जनजाति का मध्यभारत में
सारणी 01: उदयपुर जिले में भील जनजाति की शिक्षा का स्तर
9. संदर्भ में पहले लेखक के उपनाम वर्णानुसार क्रम में सूचीबद्ध किया जाना चाहिये। प्रत्येक संदर्भ में लेखकों और सम्पादको, तिथि, शीर्षक, पृष्ठ संख्या ओर प्रकाशक का विवरण, प्रकाशक स्थान ओर राज्य का संक्षिप्त विवरण होना चाहिये। लेख में वर्णित सभी स्त्रोतो को सम्मिलित करें। एक ही लेखक द्वारा कई रचनाओं को पुराने से लेकर अब तक का काल क्रमानुसार रूप से सूचीबद्ध करें। यथा-
· Book Chapters :-
Shrivastava, Kumkum and Vinay K. Shrivastava. 2010. "Museum at Department of Anthropology, University of Delhi." Pp.210-217.
· Online Resources:-
American Anthropological Association.1998. Code of Ethics of the American Anthropological Association. http://www.aaanet.org/committees/ethics/ ethcode.htm, accessed on March 29, 2017.
Journal Article:- Sinha, S.C. 1965."Tribe-caste and Tribe-peasant continua in central India. " Man in India 45:57-83.
अंतिम तिथि - 15 सितम्बर, 2020
ई-मेल पता - triberesearcharticle[at]gmail[dot]com
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